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One Nation One Election: एक देश एक चुनाव को लेकर आई बड़ी खबर, क्या है इसके फायदे और नुकसान

One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन का चर्चा अभी कुछ दिनों से काफी जोर शोर पर है। हर तरफ आपको वन नेशन वन इलेक्शन का चर्चा सुनने को मिलेगा। कई सारे लोग वन नेशन वन इलेक्शन का स्वागत कर रहे हैं एवं कई सारे ऐसे लोग हैं जो वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध भी कर रहे हैं। मगर बहुत सारे ऐसे भी लोग हैं जिन्हें यह पता ही नहीं है कि वन नेशन वन इलेक्शन है? यह क्या मुद्दा है इसे क्यों उठाया जा रहा है तो आपको बता दे कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा वन नेशन वन इलेक्शन का मुद्दा उठाया गया है। ऐसे में जब से यह मुद्दा प्रधानमंत्री जी एवं कैबिनेट में उठाया गया है तब से यह मुद्दा पूरे राष्ट्र के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है।

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ऐसे में हर कोई आम लोग भी यह जानना चाहते हैं कि आखिरकार वन नेशन वन इलेक्शन है? क्या वन नेशन वन इलेक्शन लागू होने के बाद क्या-क्या परिवर्तन होगा तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिरकार वन नेशन वन इलेक्शन है क्या? इस बिल को लागू करने के लिए सरकार की तरफ से क्या-क्या उचित कदम उठाए जा रहे हैं एवं इससे देश को क्या फायदा होगा।

One Nation One Election

वन नेशन वन इलेक्शन यानी एक देश एक चुनाव का मतलब यह है कि देश में एक साथ लोकसभा चुनाव एवं सभी राज्यों में विधानसभा चुनाव एक साथ ही कराया जाएगा। लोकसभा एवं सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव का वोटिंग भी लगभग एक साथ-साथ ही कराया जाएगा। इससे की बार-बार होने वाले चुनाव एवं इसके नुकसान एवं होने वाले आर्थिक बोझ पर भी काफी हद तक कमी लाई जाएगी। अभी फिलहाल लोकसभा चुनाव 5 वर्ष पर एवं सभी राज्यों में विधानसभा का चुनाव अलग-अलग समय पर 5 वर्ष पर होता है। ऐसे में कभी भी विधानसभा भंग हो गया तो फिर से चुनाव कराना पड़ता है।

ऐसे में सरकार को इस पर काफी खर्च करना पड़ता है इन सभी बातों को ध्यान में रख करके ही केंद्र सरकार के द्वारा वन नेशन वन इलेक्शन का मुद्दा उठाया गया है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से एक कमेटी का गठन किया गया है जिस कमेटी का अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी को बनाया गया है। इस कमेटी के द्वारा देश में एक साथ लोकसभा एवं राज्यसभा के चुनाव की समीक्षा की जाएगी एवं चुनाव के संभावनाओं का पता लगाएगी।

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वन नेशन वन इलेक्शन लागू करने के लिए केंद्र सरकार को क्या करना होगा?

वन नेशन वन इलेक्शन बिल लागू करने के लिए 16 विधानसभाओं का समर्थन चाहिए होगा मतलब की देश के करीब 16 राज्यों के विधानसभा में पहले इस प्रस्ताव को पास करवाना होगा उसके बाद ही वन नेशन वन इलेक्शन लागू हो सकता है। इसके साथ-साथ वन नेशन वन इलेक्शन लागू करने के लिए जनप्रतिनिधि अधिनियम 1991 के तहत उसमें कुछ अहम बदलाव करना होगा उसके बाद ही वन नेशन वन इलेक्शन बिल लागू की जा सकती है। One Nation One Election

एक देश एक चुनाव के फायदे

अगर एक देश एक चुनाव लागू किया गया तो इससे देश में काफी फायदे हो सकते हैं जैसा कि आप जानते हैं कि अलग-अलग चुनाव कराने में सरकार को भारी भरकम रकम खर्च करने पड़ती है। ऐसे में एक देश एक चुनाव होने पर इस खर्च की रकम में काफी कटौती होगी। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में करीब 60000 करोड रुपए खर्च किए गए थे इसके अलावा चुनाव लड़ने वाले राजनीतिक दलों की ओर से अलग-अलग तरह के कई सारे खर्च भी किए गए थे।

इसके साथ-साथ पूरे देश में विधानसभा चुनाव में अलग-अलग तरीके से पैसे खर्च किए जाते हैं एवं इससे काफी समय का भी खर्च होता है। इसके अलावा चुनाव को देते हुए आचार संहिता लागू किया जाता है जिसके कारण से प्रदेश में विकास के काम काफी हद तक ठप हो जाता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही वन नेशन वन इलेक्शन लागू की गई है इस देश को आर्थिक फायदा एवं समय के भी बचत होगी एवं विकास कार्य भी प्रगति पर रहेगा। One Nation One Election

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एक देश एक चुनाव के नुकसान

एक देश एक चुनाव के नुकसान की अगर बात करें तो क्षेत्रीय दलों की माने तो उनके अनुसार से एक देश एक चुनाव लागू होने के बाद क्षेत्रीय दलों को काफी नुकसान होगा। वह अपने स्थानीय मुद्दों को नहीं उठा पाएंगे क्योंकि अब जब एक देश एक चुनाव लागू होगा तो राष्ट्रीय मुद्दे केंद्र में आ जाएंगे जिससे कि उन्हें अपने क्षेत्र के क्षेत्रीय मुद्दे उठाने में कठिनाई होगी इसके साथ-साथ क्षेत्रीय पार्टियों राष्ट्रीय पार्टियों के सामने खर्च करने में भी सामना नहीं कर पाएंगे।

इसके अलावा क्षेत्रीय दलों एवं अन्य विपक्षी दलों की माने तो वन नेशन वन इलेक्शन लागू होने से जिनका केंद्र में गवर्नमेंट है उन्हें काफी फायदा होगा। उनके अनुसार से यह कहा जा रहा है कि देश एवं प्रदेश के मुद्दे अलग-अलग होते हैं ऐसे में अगर एक बार चुनाव हुआ तो लोग यह समझ नहीं पाएंगे कि देश के मुद्दे क्या है एवं राज्य के मुद्दे क्या है इस आधार पर लोगों को अपना नेता चुनाव करने में काफी परेशानी होगी। One Nation One Election

वन नेशन वन इलेक्शन का मुद्दा काफी जोर-जोर से उठाया जा रहा है‌। ऐसे में अगर आपको भी यह पता नहीं था कि वन नेशन वन इलेक्शन क्या है? तो आज के इस ब्लॉग में मैं आपको वन नेशन वन इलेक्शन के बारे में जानकारी विस्तार से बताया है। वन नेशन वन इलेक्शन बिल के अंतर्गत पूरे देश में एक साथ विधानसभा एवं लोकसभा के चुनाव कराई जाएगी जिससे कि देश को आर्थिक रूप से काफी फायदा होगा चुनाव में बार-बार होने वाली खर्चों पर काफी हद तक लगाम लगेगी।

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