आज से किसानों के बैंक खाते में प्रति हेक्टेयर 35,600 रुपये जमा होना शुरू हो गया है, लिस्ट देखे अपना नाम | Maharashtra Drought 2023
राज्य में कम वर्षा के कारण कुछ जिलों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, राज्य मंत्रिमंडल ने आज इस खरीफ सीजन के लिए पहले चरण में 40 तालुकाओं में सूखा घोषित करने को मंजूरी दे दी। तदनुसार, सूखे की स्थिति में आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र से तत्काल अनुरोध किया जाएगा।
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Maharashtra Drought declared in 40 talukas
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने यह भी निर्देश दिया कि राहत और पुनर्वास मंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट उप-समिति राज्य के शेष तालुकों में सूखे जैसी स्थिति घोषित करने के लिए जल्द से जल्द निर्णय ले। जहां कम बारिश हुई है और इन मंडलों को उचित रियायतें दें। इसके अनुसार दूसरे चरण में दी जाने वाली सहायता के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
आज कैबिनेट की बैठक में राहत एवं पुनर्वास विभाग द्वारा फसल जल की स्थिति की समीक्षा में सुखाड़ घोषित किये जाने की स्थिति की जानकारी दी गयी। इसमें सूखा प्रबंधन संहिता 2016 के प्रावधानों के अनुसार अनिवार्य सूचकांकों और प्रभावी सूचकांकों को ध्यान में रखा गया है। Maharashtra Drought 2023
किसानो के लिए बड़ी खुशखबरी, अब 2,000 की जगह मिलेंगे 4,000 रुपए |
राज्य में इस साल कुल औसत से 13.4 फीसदी बारिश कम हुई है और रबी की बुआई भी धीरे-धीरे शुरू हो रही है। इस समय कृषि विभाग ने बताया कि अब तक 12 फीसदी बुआई हो चुकी है। Maharashtra Drought 2023 declared in 40 talukas
प्राकृतिक आपदा पीड़ितों को 2 की बजाय 3 हेक्टेयर सीमा में राहत
मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में प्राकृतिक आपदा से पीड़ितों को राज्य आपदा मोचन निधि के मापदंड के अनुसार 2 हेक्टेयर की जगह 3 हेक्टेयर की सीमा में राहत देने का निर्णय लिया गया। जून से अक्टूबर 2023 के दौरान भारी बारिश और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण कृषि को भारी नुकसान हुआ। राज्य आपदा मोचन निधि के मापदण्ड के अनुसार 2 हेक्टेयर की सीमा के स्थान पर अब 3 हेक्टेयर के अन्दर राज्य आपदा मोचन निधि की दर से सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
छोटे धारक न होने पर भी सहायता
इसी प्रकार, केवल छोटी जोत वाले किसानों को 2 हेक्टेयर की सीमा में कृषि भूमि के नुकसान के लिए सहायता अब राज्य आपदा मोचन निधि की दर पर 2 हेक्टेयर की सीमा के भीतर गैर-छोटी जोत वाले किसानों को भी उपलब्ध होगी।