Drip Irrigation Scheme 2023: ड्रिप और स्प्रिंकलर लगाने के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू, मिलेगी 85 % सब्सिडी
Drip Irrigation Scheme 2023: देश के कई राज्यों में लगतार गिरते भूजल स्तर ने सरकार और किसानों की चिंता बढ़ा दी है। वर्तमान समय में देश के कई बड़े कृषि सूबे पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, बिहार और हरियाणा में भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है। जिससे फसलों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। और कृषि उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। इसी बीच हरियाणा राज्य में गिरता भूजल स्तर की समस्या गंभीर मुद्दा बनती जा रही है। भूजल स्तर की इस समस्या के समाधान के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। कृषि में सिंचाई पद्धति को बदलने की बात किसानों से कह रही है। किसानों को कृषि सिंचाई की नई-नई पद्धति अपनाने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है। Drip Irrigation Scheme 2023
ड्रिप और स्प्रिंकलर सब्सिडी के लिए
Micro Irrigation Scheme 2023
पानी बचाने एवं कम पानी में अधिक उत्पादन लेने के लिए नई तकनीक बताए जा रहे है। और माइक्रो इरिगेशन (सूक्ष्म सिंचाई) तकनीक अपनाने पर विभिन्न सिंचाई योजनाओं के तहत सब्सिडी भी उपलब्ध दी जा रही है। जिनमें धान की खेती छोड़ने और अन्य फसल उगाने के लिए सब्सिडी योजना, सूक्ष्म सिंचाई योजना (Irrigation Subsidy Scheme) तथा मेरा पानी-मेरी विरासत जैसी कई योजना भी शामिल है। इन सब के बीच हरियाणा सरकार एक ओर खास योजना लेकर आ रही है, जिसके माध्यम से खेत में बोरवेल लगवाकर ग्राउंड वाटर को फिर से ठीक किया जाएगा। बोरवेल लगवाने पर 3 साल तक किसानों को ही देखभाल करनी होगी। इसके लिए सरकार ने योजना के तहत सिंचाई सब्सिडी योजना देने का प्रावधान भी किया है। सरकार इस योजना का ब्लू प्रिंट जल्द तैयार कर लॉन्च करेगी और किसानों को योजना का लाभ दिया जाएगा।
माइक्रो इरिगेशन (Micro Irrigation) के लिए सब्सिडी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में ग्राउंड वाटर लेवल के नीचे गिरने से बढ़े रहे जल संकट की समस्या को उजागर किया। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि में Micro Irrigation यानि सूक्ष्म सिंचाई पद्धति का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि कम पानी में अधिक उत्पादन लिया जा सके और ग्राउंड वाटर लेवल को भी सुधारा जा सके। उन्होंने कहा की केंद्र सरकार ने सूक्ष्म सिंचाई यंत्रों पर Irrigation Subsidy Scheme देने के लिए प्रधानमंत्री सिंचाई योजना को लागू किया हुआ है। केंद्र की इस योजना के तहत हमारी सरकार राज्य में अपने स्तर पर सूक्ष्म सिंचाई तकनीक यानि माइक्रो इरिगेशन अपनाने के लिए 85 प्रतिशत तक की सब्सिडी तक भी देती है। उन्होंने कहा सूक्ष्म सिंचाई विधि से फसलों की उत्पादकता में 20 से 30 प्रतिशत तक पैदावार बढ़ती है। साथ ही 60 से 70 प्रतिशत तक पानी की बचत होती हैं।