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Electric Tractor: अब खेत में चलाओ इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर; 80 रुपए में 6 घंटे चलेगी, कीमत सिर्फ…

tractor: भारत तेजी से विद्युतीकृत हो रहा है और अब विद्युतीकरण (electrification) की यह दौड़ सड़क से सीधे खेत तक पहुंच गई है। जहां सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) की संख्या बढ़ रही है, वहीं खेतों में इस्तेमाल होने वाले वाहन और उपकरण भी बड़े पैमाने पर विद्युतीकृत हो रहे हैं। (Marut E-Tract)

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सड़कों पर चलने वाले इलेक्ट्रिक रिक्शा से प्रेरणा लेकर (tractor subsidy) गुजरात के एक किसान ने ऐसा ही एक इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर बनाया है। इस इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर का नाम मारुत ई ट्रैक्ट 3.0 रखा गया है। यह गुजरात में अहमदाबाद स्थित कंपनी का पहला इलेक्ट्रिक वाहन है। (technology)

मारुत ई एग्रोटेक के निदेशक निकुंज किशोर कोराट ने बताया कि ई ट्रैक्टर को तैयार करने में करीब 4 साल का समय लगा। निकुंज कहते हैं कि 5 साल पहले जब उन्होंने दिल्ली की सड़कों पर इलेक्ट्रिक रिक्शा (electric rickshaw) दौड़ते देखे तो उन्हें कृषि उपकरणों में इलेक्ट्रिक मोटर और बैटरी के इस्तेमाल का विचार आया।

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कहां से आया ये आइडिया:

निकुंज बताते हैं कि, तकरीबन 5 साल पहले जब उन्होनें दिल्ली की सड़कों पर दौड़ते इलेक्ट्रिक रिक्शा को देखा तो उन्हें एग्रीकल्चर फील्ड में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों में इलेक्ट्रिक मोटर और बैटरी के प्रयोग का आइडिया आया. अपने इसी विज़न को लेकर वो आगे बढ़ें और साल 2018 से इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर के (technology) निर्माण में जुट गए. इस दौरान उन्होनें चार प्रोटोटाइप तैयार किया, शुरुआत में 1 किलोवाट की क्षमता का बैटरी पैक अपने ट्रैक्टर में इस्तेमाल किया और कई चुनौतियों के बाद आखिरकार उन्हें सफलता मिली और वो इस फाइनल प्रोडक्ट तक पहुंचे. निकुंज किसान परिवार से आते हैं और उन्होनें इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग (Electronics Engineering) में स्नातक की है.

इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर को तैयार करना एक बड़ी चुनौती थी, ख़ासतौर पर जब इसका मुकाबला मौजूदा डीज़ल ट्रैक्टरों से हो. निकुंज ने बताया कि, तकरीबन 98 प्रतिशत स्थानीय कंपोनेंट से तैयार इस ट्रैक्टर में केवल कंट्रोलर एक अमेरिकी कंपनी (american company) का है. इसके अलावा अन्य सभी पार्ट्स made in India हैं. जाहिर है कि, इसके पीछे उनका उद्देश्य एक किफायती प्रोडक्ट तैयार करने की रही है..

इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर की पावर और परफॉर्मेंस:

Marut E-Tract में रिजेनरेटिंग ब्रेकिंग सिस्टम के साथ 11kWh की क्षमता का बैटरी पैक इस्तेमाल किया गया है, इसका इलेक्ट्रिक मोटर BKW की क्षमता का पावर आउटपुट देता है. इस स्टार्टअप का दावा है कि, इसकी बैटरी को घरेलू 15 एम्पीयर के सॉकेट से कनेक्ट कर आसानी से महज 4 घंटे में ही फुल चार्ज किया जा सकता है. निकुंज का कहना है कि, एक बार फुल चार्ज होने के बाद ये ट्रैक्टर 6 से 8 घंटे तक की ड्यूटी प्रदान करता है.

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डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले भारी बचत:

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (Ministry of Environment, Forest and Climate Change) भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर दर्ज एक दस्तावेज के अनुसार औसतन एक रेगुलर डीज़ल ट्रैक्टर 1.5 से 2 लीटर प्रतिघंटा ईंधन की खपत करता है. हालांकि ये आंकड़ा बड़े और हैवी ट्रैक्टर्स के लिए है. वहीं सामान्यतः 15Hp से 22Hp का मिनी ट्रैक्टर औसतन हर घंटे 1 लीटर डीज़ल की खपत करता है.

निकुंज का (Marut E-Tract) कहना है कि, उनके इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर की बैटरी को चार्ज होने में कुल 10 यूनिट बिजली (Electricity) खपत होती है और औसतन किसी भी क्षेत्र में यदि 8 रुपये प्रति यूनिट बिजली की दर भी रखते हैं तो बैटरी को फुल चार्ज करने में तकरीबन 80 रुपये का खर्च आएगा. फुल चार्ज होने के बाद 80 रुपये के खर्च में ये ट्रैक्टर 6 घंटे तक ड्यूटी करेगा. वहीं डीजल (diesel) की कीमत 88 से 90 रुपये प्रतिलीटर (लोकेशन के अनुसार भिन्न) है और तकरीबन 6 घंटे काम करने के लिए ट्रैक्टर को तकरीबन 6 लीटर ईंधन की जरूरत होगी, जिसके लिए आपको तकरीबन 500 से 550 रुपये खर्च करने होंगे.

लोडिंग कैपिसिटी:

अब सबसे बड़ा सवाल ये आता है कि, क्या ये इलेक्ट्रिक मॉडल रेगुलर ट्रैक्टर (Electric Tractor) की ही तरह परफॉर्म करता है. इस बारे में निकुंज का कहना है। कि, एक मिनी ट्रैक्टर द्वारा फॉर्मिंग के उद्देश्य से किए जाने वाले सभी तरह के काम करने में ये ट्रैक्टर सक्षम है. Marut E-Tract में आप कृषी उपकरण के साथ ही ट्रॉली को भी जोड़ सकते हैं और इसकी भार वहन क्षमता तकरीबन 1.5 टन है.

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आंकडों में Marut E-Tract:

भार उठाने की क्षमता1.2 टन
पुलिंग / ट्रॉली क्षमता2.5 टन
टॉर्क20 एचपी
ड्यूटी रेंज6 से 8 घंटे
चार्जिंग4-5 घंटे
इलेक्ट्रिक मोटर3 किलोवॉट

सोलर पैनल का भी होगा इस्तेमाल:

इस इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर की बेटरी को आप सोलर पैनल से भी कनेक्ट कर चार्ज कर सकते हैं. निकुंज का कहना है कि, “चूकिं किसान के पास पर्याप्त मात्रा में जगह होती है तो वो अपने खेत में या घर के पास जहां भी ट्रैक्टर पार्क करते हैं, वहां पार्किंग स्ट्रक्चर पर सोलर पैनल इंस्टॉल करवा सकते हैं, जिससे इस ट्रैक्टर की बैटरी को चार्ज किया जा सकता है. इससे सबसे बड़ा लाभ ये होगा कि, किसानों की जेब पर इलेक्ट्रिसिटी बिल का भी बोझ नहीं पड़ेगा.” कंपनी को फिलहाल किसी बड़े निवेश की तलाश है और वो अपने इस इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर को आगामी ऑटो एक्सपो में भी प्रदर्शित करने की योजना बना रही है. निकुंज के अलावा उनके इस प्रोजेक्ट में उनके अन्य भाई भी शामिल हैं.

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